الأربعاء، يوليو 11، 2018

دنیا چہ ظلمٰ بیت تہار.شاعر: میر آسکانی پلوچ.

مرداں  دنیا چہ ظُلمٰ بیت  تہار.
مکّار  کوت  أنت   سادہ   مہار.


کوشت أنت  گُل  و نوکیں بہار.
پُرسی کوت أنت  مات   گوھار.

غلہ  مکن  نوں ھیچ   دزگوھار.
تو  رودینتگ أنت  أستوگ  مار.


کہ  ھروچ  ورئے  پہ براتٰ  گِہار.
قبضہ  کوت أنت  شہر  و  دیّار.

چم   موچ  و دیما  ھیچ   مچار.
بلہ مرد راہ تئی ڈلیں دیما بچار.

اے   قوم   بلوچ این   سر مچار.
روچء تئی  چمان کنت آخر تہار.

چو   ڈعلٰ  ترا   کنت ایں   مہار.
کہ سوت نہ بیت تئی ھیچ توار.

او  برات کوش وتئی دستٰ بدار.
سیاھیں  سگ  و شومیں  سگار.

تئی پیشانیگ إنت  نقش و نگار.
تالان شینگ انت  تئی کرد و کار.

نوں چی  إنت  بلوچانی   معیار.
کہ پہ حقٰ وتئی ھست أنت تیار.

کہ  تو بیگار  کوتگ  ماتیں ڈگار.
گوں بدواہ و شوماں ھور و اوار.

انشاءاللّہ  بیرء  کپات چئکٰ تئی.
جسمٰ    تئی    ریش    شومکیں.

کہ  نقصان  کن ئے  بچ  نازوکیں.
ماتی        سُہیلان       لاڈوکیں.

اگاں  مردی  ترا  ماں شیر   مزار.
چیا   انچوک  کن ئے  تو   انتظار.

چئکٰ   ھیچ   مجن پوشتٰ مچار.
تو     برو     دشمن   دیما    بدار.

میر آسکانی بلوچ.